एक तरफ जहाँ हिन्दुस्तान की फिजा को खराब करने वाले लोग अज़ान कि आवाज़ पर लगाम की बात करते हैं ऐसे में बालीवूड अदाकारा प्रियंका चोपड़ा का कहना है की मुझे अज़ान की आवाज़ बहुत ही शान्ति देती है...जब छ सात मस्जिदों के लाउद्स्पीकर्स से एक साथ आवाज़ आती है तो मैं अज़ान को ध्यान से सुनती हूँ...
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इस वीडियो और लेख पर विवाद या आपत्ति के लिए पूर्ण रूप से चौधरी साब उत्तरदाई हैं... 😏😏
#बिल्ली_नमाज़_पढ़_रही_है
ReplyDeleteसोशल मीडिया के इस दुनिया में जहां आप को कुछ काम की बातें मिलेंगी
वहीँ आप को तरह तरह के खुराफात का भी सामना करना पड़ेगा.
यहां आप को कभी कोई बिल्ली किसी वीडियो में नमाज़ पढ़ती नज़र आएगी , कभी कोई परिंदा सजदा करता नज़र आएगा .
कभी खाना ए काबा के ऊपर एक फरिश्ता नमूदार होगा जो खुद बैतुल्लाह में किसी को दिखाई नहीं देगा मगर हम फेसबुकी मुसलामानों को नज़र आएगा.
कभी माईकल जैक्सन जैन बहीका की आवाज़ में मशहूर अंग्रेजी हम्द ( say thanks to ALLAH) गा रहा होगा और सब अंधा धुंध सुब्हानअल्लाह सुब्हानअल्लाह कह रहे होंगे
यहीं कहीं किसी पोस्ट में आप को हज़रत आइशा ( رضی اللہ عنہا ) की सिलाई मशीन भी दिखाई दे गी ,
क्या कहा नज़र नहीं आई ??
अरे भाई सुब्हानअल्लाह माशाअल्लाह के कॉमेंट्स हटा कर देखें यहीं कहीं पाई जायेगी.
फेसबुकी दुनिया में ही कभी किसी दीवार या सफ़हे की खुदाई करें तो यह बात भी आप के इल्म में आएगी कि मशहूर ख़ला बाज़ "नील आर्म स्ट्रांग " जब चाँद पर गए तो उन्हें वहाँ सिर्फ एक आवाज़ सुनाई दी जो कि अज़ान की आवाज़ थी और उन्हों ने चाँद से वापसी पर तुरंत इस्लाम क़बूल कर लिया.
अब इस तफ़सील में कौन जाए कि चाँद पर फ़िज़ा( atmosphere) ज़मीन जैसा नहीं और वहाँ आवाज़ सुनाई नहीं देती , ना ही कोई इस तहक़ीक़ में पड़ेगा कि उस अमरीकी ख़ला बाज़ के चाँद पर जाने और ना जाने के बारे में भी दो राय हैं .
कभी बौद्ध के अज़ीम रहनुमा दलाई लामा हमारे हुज़ूर पाक ﷺ की अज़मत का एतराफ़ करते हैं और कहते हैं कि इस्लाम अमन का दीन है तो हम अपना ज़ेहनी तवाज़ुन खो बैठते हैं और कहते हैं इस वीडियो को इतना शेयर करो कि तमाम मुसलमानो को इस बात का यकीन/ इल्म हो जाए....
कोई मुझे बताये कि हमारे अक़ीदे इस क़दर कमज़ोर हैं कि हमें मोहम्मद ﷺ की जाते अक़दस की अज़मत की गवाही उन गैर मुस्लिमों से लेनी पड़े गी ?
यहीं आप को सच्चे और पक्के मुस्लिम भाईयों की तरफ से पेश की गयी वह पोस्ट भी नज़र आएगी कि जो आप ने आगे शेयर ना की तो आप दायरे इस्लाम से खारिज हो जाएंगे और अगर मशाअल्लाह और सुबहानअल्लाह ना कहा गया तो आप दुनिया के सब से बड़े कंजूस कहलाये जाएंगे .
अल्लाह के बन्दों कुछ तो ज़ोर अपने ज़हन पर भी डाला करो कि उसे ज़ंग ना लग जाए . इस बात से किसे इनकार है कि अल्लाह की यह मख्लूक़ चरिंद परिन्द उसकी हम्द में मसरूफ़ हैं मगर उनका तरीक़ा हम से मुख़्तलिफ़ है , नमाज़ हम पर फ़र्ज़ है ना कि उन बिल्लियों पर जिन्हें मुसलमान बनाने की तग वा दव में आप लगे हैं .
किसी चीज़ को शेयर करने या ना करने से लोग काफ़िर होने लगे तो होगया काम, हम तो दायरे इस्लाम से खारिज क़रार पाएंगे फिर.
ज़रूरत इस अमर की है कि आँख बन्द करके यक़ीन करने के बजाय किसी भी चीज़ पर यक़ीन और शेयर करने से पहले इस बात का यक़ीनी बना लिया जाए कि आया यह सच है या इसकी कोई हैसियत है भी कि नहीं .
सही कहा आप ने हो सकता है मूझसे भी ये गलती हो गई हो,अल्लाह मुझे माफ़ करे और जो ऐसा करते है उनको अल्लाह ऐसा न करने की हिदायत दे
Deletemasha allah
ReplyDeleteAssalam walequm
ReplyDeleteBilkul sahi baat kahi aapne
Kuch deeno se mai bhi yahi soch rahi thi
Ki ye kaise comments likhte hai
Allah hum sabhi ko hidayat de
Aameen