क्या इंसानियत इस दर्जे तक पहुँच गई है कि अपने ही परिवार को जानवर समझ से भी बदतर जिंदगी गुजारने मजबूर करते हैं लोग : - Hakeem Danish

Thursday, 19 January 2017

क्या इंसानियत इस दर्जे तक पहुँच गई है कि अपने ही परिवार को जानवर समझ से भी बदतर जिंदगी गुजारने मजबूर करते हैं लोग :

अगर आप घर में बची रोटी गाय को खिलाने जा रहे हैं और कोई आपसे वह रोटी खाने को मांगकर ले जाए। छुपते छुपाते बाथरूम में बैठकर खाए। यह सिर्फ कहानी नहीं बल्कि समाज की सच्चाई है। शंकरगंज में रहने वाले परिवार की गर्भवती बहू को खाने तक के लिए ससुराल वालों ने मोहताज कर दिया तो वह पड़ोसियों से छुपते छुपाते मांगती थी। हद तो तब हो गई जब सास और ननद की मारपीट से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की हालत बिगड़ गई। उसने प्री मैच्योर बच्चे को जन्म दिया जिसकी तीन दिन में ही मौत हो गई। हेमलता का एक साल का एक बेटा भी है।

बुधवार को जिंसी के पास शंकरगंज में हेमलता पति अमरदीप गुप्ता पर ससुराल के अत्याचार का गंभीर मामला उजागर हुआ। आम तौर पर तमाशबीन माने जाने वाले मोहल्ले वालों ने न केवल बहू को बचाया बल्कि पुलिस और प्रशासन की मदद से ससुराल वालों की करतूतें भी उजागर कीं। पड़ोसियों का गुस्सा तब फूटा, जब वे बुधवार सुबह नवजात का शव दफनाने के लिए लेकर जा रहे थे।

शिकायत मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस सहित चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम पहुंची। इलाके के महिला-पुरुष, यहां तक कि बच्चों ने भी चीख-चीखकर बहू पर प्रताड़ना की हकीकत उजागर की। पड़ोसी सुनील, सोनाली, ललिता, ममता, संदीप, रुकमणी आदि ने बताया कि सास राजकुमारी और ननद रीना रोज हेमलता के साथ मारपीट करती थीं। 15 जनवरी को भी उसे जमकर मारा था।

आशंका है कि उसी दौरान गर्भाशय में थैली फट गई और आनन-फानन में उसे एमवाय अस्पताल पहुंचा गया। उसने प्री मैच्योर बच्चे को जन्म दिया, जिसे गंभीर संक्रमण हो गया था। उधर हेमलता पहले तो प्रताड़ना से इंकार करती रही लेकिन पूरे मोहल्ले को घर के बाहर देख धीरे-धीरे अत्याचार की कहानी बयां की। मल्हारगंज सीएसपी वंदना चौहान ने हेमलता के बयान पर पति, ननद और सास पर प्रकरण दर्ज किया।

हेमलता से महिला एवं बाल विकास की पर्यवेक्षक रितु हार्डिया ने प्रताड़ना के बारे में पूछा तो पहले छुपाती रही। सिर्फ यही बोलती रही कि छोटी-मोटी गलती पर डांटते थे। मेरे मां-बाप नहीं है। मैं कहां जाऊंगी। काफी देर तक काउंसलिंग के बाद भी जब वह हकीकत स्वीकार नहीं कर रही थी तो पुलिस ने उसके समर्थन में बाहर खड़ी भीड़ दिखाई। हर कोई उसे सच बोलने के लिए प्रेरित कर रहा था। हेमलता ने बताया- मुझे बार-बार भूख लगती थी। खाना मांगती तो चिल्लाने लगते थे। इसीलिए पास वालों से मांग लेती थी। डॉक्टर बोलते थे कि खाऊंगी नहीं तो बच्चा कमजोर रहेगा।

पहली बार बेटे को गोद में लिया 

उस समय वहां मौजूद हर शख्स की आंख भर आईं, जब पुलिस द्वारा मेडिकल जांच के लिए ले जाने से पहले हेमलता ने अपने बेटे को गोद में लिया। उसने बताया कि जब से यह पैदा हुआ है कि कभी इसे मेरी गोद में आने ही नहीं दिया। चाइल्ड लाइन के अविनाश वर्मा ने बताया कि महिला को वन स्टॉप सेंटर में रखवाया जा रहा है।

नवजात की मौत की भी होगी जांच

पुलिस के अनुसार नवजात की मौत मारपीट से हुई है, इस मामले की जांच की जाएगी। डॉक्टरों से इस मामले में रिपोर्ट ली जाएगी कि महिला की डिलीवरी सामान्य तौर पर हुई या विशेष परिस्थितियों में करवाना पड़ी।

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