वो चाँद-चेहरा सी एक लड़की मोहब्बतों की मिसाल जैसे : सलाम मेहरीन - Hakeem Danish

Friday 10 March 2017

वो चाँद-चेहरा सी एक लड़की मोहब्बतों की मिसाल जैसे : सलाम मेहरीन


श्रीराम सेन्टर ओडिटोरिअम के अंदरून हिस्से में एक ख़ातून संजना तिवारी  किताबों से अपने इश्क़ के चलते किताबें फ़रोख़्त करने का काम किया करती थीं , मेने मंडी हाऊस में अक्सर लोगों से सुना है के उनके पास जितनी भी किताबे होती हैं वो उन सबका मुताला कर चुकी होती हैं, किताबें फ़रोख़्त इसलिए करती हैं जिससे वो अपनी घरेलु ज़रूरियात के लिए रक़म फ़राहम कर सकें और अपने बच्चों के लिए आला तालीम का ज़रिया बन सकें , उनका बेटा MBBS की डिग्री के लिए ज़ेर ऐ तालीम है और बेटी सिविल सर्विसेज़ की तैयारी कर रही है  , कुछ वक़्त पहले श्रीराम सेन्टर के नाज़िम ऐ आला ने फैसला किया के अब उनकी आरज़ी दुकान को वहां नहीं रहने दिया जायेगा , उनके सामने रोज़गार का मसअला पैदा हुआ तो कुछ थियेटर के आशिक़ीन ने उनकी वो दुकान श्रीराम सेण्टर के सदर दरवाज़े के बाहर मौजूद पेड़ के नीचे इस भरोसे पर शिफ़्ट करा दी के अब यहाँ से आपको कोई नहीं हटाएगा, लेकिन पिछले दिनों संजना जी शदीद बीमार हो गयीं और डॉक्टर्स ने मशविरा दिया के उन्हें एक सर्जरी कराना होगी और उसके बाद तक़रीबन 2 महीने बेड रेस्ट करना होगा, अब एक तो इलाज का माक़ूल ख़र्च ऊपर से बेड रेस्ट की वजह से आमदनी बंद होने का  ख़दशा, उनकी  इस ज़ेहनी और जिस्मानी तकलीफ़ के बारे में जब मेहरीन सबा को  मालूम हुआ तो मेहरीन ने उनका साथ देने का फ़ैसला किया पिछले एक महीने से मेहरीन उनकी दुकान संभालती हैं उनकी किताबो को क़रीने से लगाना शाम को स्कूटी पर रख कर महफूज़ ठिकाने पर पहुँचाना मेहरीन की आदत में शुमार गया है  और इसके एवज़ में उनके हिस्से आती हैं संजना की दुआयेँ ,

मेहरीन दिल्ली 6 से आती हैं जहाँ का नाम सुनकर अक्सर सो कॉल्ड शरीफ़ज़ादों के चेहरों  के ताअस्सुरात बदल जाते हैं, उनकी वालिदा नमाज़ रोज़े की पाबंद एक बुर्क़ा पोश मज़हबी ख़ातून हैं , मेहरीन की एक फ़िल्म 'गुड़िया' कांस जैसे मारूफ़ फ़िल्म फ़ेस्टिवल में स्किरीनिंग के दौरान फ़िल्म नाक़ीदीन की तवज्जोह हासिल कर चुकी है , मुताअद्दिद ड्रामों में वो अपनी फ़नकाराना सलाहियतों का मज़ाहिरा कर चुकी हैं, लेकिन मेरे नज़दीक मेहरीन का ये अमल मुझे उनका ऐहतराम करने पर मजबूर कर देता है, नफ़रतों के अंधेरो में वो एक उम्मीद की किरन है, संजना और मेहरीन का रिश्ता दर्द का रिश्ता है और यही रिश्ता दुनिया का सबसे अज़ीम रिश्ता है

सलाम मेहरीन

वो चाँद-चेहरा सी एक लड़की
मोहब्बतों की मिसाल जैसे
ज़ेहन में शाएर के जैसे आए
हसीं ग़ज़ल का ख़याल कोई
वो चाँद-चेहरा सी एक लड़की
तमाम रिश्ते निभा रही है
वो हमको जीना सिखा रही है

फ़ारूक़ बख़्शी की एक अधूरी नज़्म मेहरीन के लिए
हैप्पी वुमेन्स डे उनको जिनका हर 22 मिनट में बलात्कार कर दिया जाता है।

मिलिए तिन बार विधायक रह चुके बेहद ईमानदार नेता आलम बदी से

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