आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी डायबिटीज, बस रखें इस बात का ख्याल - Hakeem Danish

Saturday 17 February 2018

आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी डायबिटीज, बस रखें इस बात का ख्याल


QUICK BITES

दुनिया में डायबिटीज से ग्रस्त सबसे ज्यादा मरीज भारत में हैं।
नियमित रूप से व्यायाम न करना भी डायबिटीज होने का कारण है।
डायबिटीज में संतुलित डाइट अपना हम इससे बच सकते हैं।
दुनिया में डायबिटीज से ग्रस्त सबसे ज्यादा मरीज भारत में हैं। डायबिटीज एक ऐसा रोग है, जिस पर अगर नियंत्रण न रखा गया, तो यह कालांतर में कई रोगों जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हृदय और किडनी आदि से संबधित समस्याओं के खतरे को बढ़ा देता है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि कुछ सावधानियां बरतकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। जब लोगों को पहली बार डायबिटीज (मधुमेह) के बारे में पता चलता है, तब वे तनावग्रस्त हो जाते हैं। उनके मन में एक ही सवाल आता है कि क्या डायबिटीज को जड़ से खत्म किया जा सकता है? इस सवाल का उत्तर जानने के लिए डायबिटीज के बारे में समझना आवश्यक है।
टाइप-1 डायबिटीज 

प्रमुख तौर पर डायबिटीज के दो प्रकार हैं। पहला, टाइप -1 डायबिटीज। इस डायबिटीज में शरीर की श्वेत कोशिकाएं पैन्क्रियाज  की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं। इस  कारण शरीर में पूर्ण रूप से इंसुलिन की कमी उत्पन्न हो जाती है। टाइप-1 डायबिटीज के होने के कारणों को मालूम कर पाना फिलहाल मुश्किल है और यह कभी भी किसी शख्स को हो सकती है।
टाइप-2 डायबिटीज 

दूसरे प्रकार की डायबिटीज जिसके सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं, उसे टाइप 2 डायबिटीज कहा जाता है। टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में बनने वाली इंसुलिन का सही उपयोग नही हो पाता है। शरीर में इंसुलिन की अतिरिक्त मात्रा के कारण पैन्क्रियाज उचित मात्रा में इंसुलिन नही बना पाता है। टाइप-2 डायबिटीज से ग्रस्त होने में हमारी अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जैसे नियमित रूप से व्यायाम न करना और अस्वास्थ्यकर खान-पान आदि।
यह सच है

डायबिटीज  को जड़ से खत्म कर पाना कठिन है, परंतु इसे नियंत्रण में रखकर सुखद जीवनयापन जरूर संभव है। डायबिटीज  का नियंत्रण मानों चार स्तम्भों पर टिका है। ये स्तंभ हैं-हमारा खानपान (आहार), दूसरा व्यायाम, तीसरा नियमित रूप से शुगर की जांच और चौथा स्तंभ है- दवाओं का उचित रूप से सेवन।
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कैसा हो आहार 

उपयुक्त आहार और व्यायाम करना डायबिटीज के नियंत्रण की बुनियादी बात है। मौजूदा दौर में खाना सिर्फ जीभ का स्वाद और पेट भरने का साधन मात्र बन कर रह गया है। एक सामान्य धारणा है कि चीनी या इससे निर्मित खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन डायबिटीज होने का एक प्रमुख कारण है, परंतु डायबिटीज के होने का असली कारण है- हमारे खाने में पोषक तत्वों का असंतुलन होना। इसलिए पौष्टिक आहार डायबिटीज के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डायबिटीज में खाने की मात्रा, खाने की गुणवत्ता अथवा खाने के समय का ध्यान रखना अनिवार्य है। हमारे खाने में प्राय: रिफाइन्ड अनाज और चिकनाई (वसा) की मात्रा काफी अधिक होती है। इसलिए इस पर नियंत्रण रखना अनिवार्य है।
आहार में ज्यादा से ज्यादा रेशायुक्त साबुत अनाज जैसे दलिया, ओट्स, रागी, जौ और चोकरयुक्त आटा का सेवन लाभप्रद है।
तेल, घी का उपयोग भी कम मात्रा में करना चाहिए अथवा तेल को नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए।
हमारे खाने में सब्जियों और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का खास अभाव होता है।  इसलिए हरी सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें अथवा दाल, चना, छोला, दूध, दही और अंडा आदि प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को भी नियमित रूप से लें।
खाने के बाद के नाश्ते में चाय के साथ को खाने की बजाय पौष्टिक चीजें जैसे फल, भुना चना, अंकुरित दालें या चना आदि का सेवन करना लाभप्रद है।
व्यायाम से संबंधित जानकारियां

व्यायाम न करने से इंसुलिन का पूरा प्रभाव नहीं हो पाता। इसलिए व्यायाम करना आवश्यक है। अनेक लोगों की यह धारणा है कि सुबह खाली पेट व्यायाम करने से ही लाभ होता है, परंतु डायबिटीज से ग्रस्त लोगों को व्यायाम संबंधी कुछ बातों का ध्यान रखना अनिवार्य है। व्यायाम दिन में किसी भी समय किया जा सकता है,परंतु एक नियम बनाना अनिवार्य है।
डायबिटीज में खाली पेट व्यायाम करने से शुगर कम होने (हाइपोग्लाइसीमिया) की आशंका बढ़ जाती है।  इसलिए व्यायाम से पहले फल या बादाम और अखरोट आदि का सेवन किया जा सकता है। डायबिटीज में ऐरोबिक्स व्यायाम, सैर, तैराकी और जॉगिंग लाभप्रद है। इसके साथ योग व मेडिटेशन मानसिक तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जीवन-शैली में इस तरह के सकारात्मक बदलाव शुगर को नियंत्रित करने मेें मुख्य भूमिका निभाते हैं।
नियमित रूप से करें शुगर की जांच

डायबिटीज को नियंत्रण में करने के लिए  शुगर की जांच करना अनिवार्य है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शुगर के अधिक होने पर अनेक लोगों में कोई लक्षण प्रकट नहीं हो

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