मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है,
पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।
किसी शायर की ये लाइने यूपी के शाहजहांपुर के एक युवक पर बिल्कुल सटीक बैठती है। जिसने कूढ़े-करकट के सामान से सैंकड़ों ऐसे इलैक्ट्रिकल मॉडल तैयार कर डाले जिन्हे देखकर शायद आप भी हैरान रह जायेंगें। इस गुमनाम प्रतिभा के अविष्कारों को देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं। ये कारीगर एक जेनेरेटर तैयार करके प्रधानमन्त्री मोदी को सौंपना चाहता है जो बिना तेल पानी के सिर्फ मैगनेट पर चल सकेगा। ये भी पढ़ें: बनारस की इन तीन मुस्लिम बहनों को आमिर खान ने भी किया सलामबता दें कि चारे की मशीन वाला ये मॉडल किसी वैज्ञानिक के दिमाग की उपज नहीं और न ही किसी विज्ञान के छात्र का आइडिया, बल्कि इसे बनाने वाला शाहजहांपुर के महमन्द गढ़ी का रहने वाला मध्यम वर्गीय परिवार का एक बेरोजगार है।
कमर वसी ने इस जैसे अब तक तीन सौ से ज्यादा आश्चर्यचकित कर देने वाले मॉडल तैयार किये हैं। इन मॉडल्स की खास बात ये है कि ये एक साधारण सी मैग्नेट के माध्यम से चलते हैं और इन्हें बेकार पड़ी चीजों से तैयार किया गया है। उसने एक रेलगाड़ी भी तैयार की है जो मानवरहित क्रासिंग पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोक सकेगी। कमर का दावा है कि अगर उसे मदद मिले तो वह एक ऐसा जेनेरेटर तैयार कर सकता है जो बिना तेल पानी के चल सकेगा। कमर वसी मैगनेट पर आधारित इस खास जेनेरेटर को प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को सौंपना चाहता है।
कमर वसी ने बताया कि सिर्फ पांचवी तक पड़ाई की है। गरीबी के चलते वह आगे नहीं पड़ पाया। कमर को यह शौक बचपन से है। कमर का कहना है कि लोग कचरा और कबाड़ बेकार समझ कर उसे फेंक देते हैं। लेकिन बेकार कुछ भी नहीं होता है। कमर ने कचरे से तीन सौ से ज्यादा बच्चों के खेलने वाली गुडियां बनाई है। कमर ने बताया कि उसने कबाड़ से एक जेनेरेटर बनाया है। जो लाईट से नहीं चलता है और ना ही तेल से, ये जनरेटर सिर्फ मैगनेट से चलेगा। कमर की ख्वाहिश है कि मैग्नेट से चलने वाला जेनेरेटर वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करे। कमर का कहना है कि आगे भविष्य मे मैगनेट से क्या-क्या चीजें बन सकती हैं।
वैज्ञानिक इरफान ह्यूमन, कूढ़े-करकट और बेकार पड़ी चीजों को इंसानी इस्तेमाल लायक बनाने का कमर वसी को जुनून है और इसी जुनून में वह दिन रात केवल नई-नई खोजे करने में लगा रहता है। लेकिन इसकी ये खोज अभी तक इसके घर की चार दीवारियों तक की सीमित है। विज्ञान से जुड़े लोग भी कमर की प्रतिभा को देखकर आश्चर्यचकित हैं और उनका मानना है कि अगर इस युवक को सरकारी मदद मिले तो ये देश का नाम जरूर रोशन करेगा। उनका कहना है कि देश मे सरकारी संस्थाएं हैं और जो गैर सरकारी संस्थाएं है उन्हे सामने आना चाहिए और उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। वैज्ञानिक इरफान ह्यूमन ने बताया कि उन्होंनें कमर वसी के लिये काउंसिल ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी में पैटन सेल मे इनका आवेदन करवाया है। हमे उम्मीद है कि कमर को वहां से सहायता जरूर मिलेगी।
कुछ कर गुजरने का जुनून इंसान को किसी भी हद तक ले जा सकता है और बेकाम को काम का बनाने का कमर का ये जुनून दिन पे दिन बढ़ता ही जा रहा है। बस इसे जरूरत है सिर्फ स्वीकारने और प्रोत्साहन की ताकि शाहजहांपुर की इस छिपी हुई प्रतिभा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेर सके। उसे भरोसा है कि एक दिन वो बिना तेल और पानी से चलने वाला जनरेटर प्रधानमन्त्री को जरूर सौंपेगा।
लेख डेली हंट वेबसाईट से कॉपी किया गया ...
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